भारत में किसानों की समस्याओं को दूर करने के सर्वोत्तम तरीके क्या हैं?
किसानों की समस्या :
1- मृदा PH घटाना PH किसी पदार्थ कीअम्लता/क्षारता का माप है। इसे 0 से 14 . तक की धनात्मक संख्या द्वारा व्यक्त किया जाता है
फसल को बारिश का पानी
पिछले वर्षों में, वर्षा जल का पीएच 5.6 है। लेकिन औद्योगीकरण और पर्यावरण के लिए अधिक प्रदूषण के कारण वर्षाजल अधिक अम्लीय हो जाता है। बारिश का PH मान 3.0 हो जाता है। इसलिए, जब फसल यापौधों पर वर्षा होती है, तो फसल का PH मान कम हो जाता है।
• फसल की वृद्धि में कमी होती है। कई बार फसल मौत बन जाती है। इसलिए, उत्पादकता के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता भी कम होती है।
• यह बारिश का पानी नकेवल फसल के लिए बल्कि जानवरों और इंसानों के लिए भी कई तरह से हानिकारक है।
• फसल के रंगद्रव्य को क्लोरोफिल कीआवश्यकता होती है। यदि इसमें क्लोरोफिल होता है तो यह हरा रंग उत्पन्नकरता है। पौधे मिट्टीमें मौजूद लोहे से क्लोरोफिल तैयार करते हैं। जब पौधे मिट्टी से पानी सोखते हैं तो वह मिट्टी में मौजूद आयरन को भी ग्रहण कर क्लोरोफिल तैयार करता है।
• जबमिट्टी में आयरन की उपलब्धता कम हो जाती है। नतीजतन, पौधों को क्लोरोफिल प्रक्रिया के लिए मिट्टी सेवांछित लोहा नहीं मिलता है। तब पीएच मान अधिक या 7 से ऊपर होता है और इससे फसल की गुणवत्ता कम हो जाती है। जिससे फसल पीली हो जाती है।
• मिट्टी का PH मान विषाक्त पदार्थों, जीवाणुओं के विकास औरफसलों की जड़ों को भी प्रभावित करता है।
• यदि किसान गुणवत्ता वाली फसलों का उत्पादन करने में असमर्थ हैं तो उनके पास बाजार में उच्च मूल्य या आदर्श मूल्य और किसानों की कम लाभप्रदता नहीं है। मिट्टी की उर्वरता भी लंबे समयतक प्रभावित करती है।
• इसलिए,यदि हम पीएच मानको 6.5 से 7.5 के बीच आदर्श बनाए रखना चाहते हैं तो हमें मिट्टी के लिए कुछ मूल्यवान पदार्थ का उपयोग करना होगा। ताकि हम किसानों के लिए एक आदर्श फसल प्राप्त करसकें।
• डीएपी उर्वरक मिट्टी के पीएच मान को कम करते हैं।
• किसानों की इस बड़ी समस्या को दूर करने के लिए। हमारे पास MD BIOCOALS यानी इंद्रधनुष प्रोम से एक समाधान है।
• PROM का मतलब फॉस्फेट से भरपूर जैविक खाद है। इस समाधान का विवरण नीचे दिया गया है:
2- फसलोंसे होती है बीमारियां
यह रोग एक मौसम से दूसरे मौसम में फैलता है। यह पर्यावरणीय परिस्थितियों और प्रत्येक फसल किस्म की विशेषताओं पर निर्भर करता है। अनिवार्य रूप से, फसलरोग उनके कारक एजेंटकी प्रकृति के आधार पर होते हैं:
1. अजैविकया असंक्रामक रोग
2. जैविकया संक्रामक रोग
ये रोग वे रोगहैं जिनमें निर्जीव पर्यावरणीय परिस्थितियाँ या फसल का अनुचित प्रबंधन शामिल है। उन्हें अन्य पौधों में स्थानांतरित नहीं किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
• नमी
• हवा
• बार-बार और भारी बारिश
• अत्यधिक तापमान
• सूखाया बाढ़
• फसलों में पोषक तत्वों कीअधिकता या कमी
• कीटनाशकों के कारण फसल पर रासायनिक प्रभाव
• अनुचितजल प्रबंधन
जैविकया संक्रामक रोग वे रोग हैं जो प्रकृति में रहते हैं और एक पौधे से दूसरे पौधे में स्थानांतरित होते हैं।
उदाहरणके लिए:
• कवक सबसे आम रोग हैऔर यह पादप रोगोंका 85% है।
• वायरस एक वेक्टर द्वारा संचरित होते हैं याघाव के माध्यम से पौधे पर हमला करते हैं।
• जीवाणु तेजी से गुणा करते हैं और वे घावया रंध्र के माध्यम से पौधे में प्रवेश करते हैं।
• नेमाटोड फसलों को नुकसान पहुंचातेहैं जिससे जड़ों पर गल आ जाते हैं
• आजकल रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से फसल में रोग हो जाते हैं। डीएपी से फसल में रोग भी होता है।
• इससे फसलों की उत्पादकता और मजबूती में गिरावट आती है। फसलों पर कीट अधिक होते हैं। अतः फसलों में अधिक डीएपी का प्रयोग किया जाता है।
• एक ओर अधिक उत्पादन केलिए अधिक रासायनिक उर्वरकोंका प्रयोग किया जाता है।
• दूसरी ओर रोग और कीटों से बचाव के लिए रासायनिक कीटनाशकों का अधिक प्रयोगकिया जाता है।
• खेती पर रासायनिक उत्पादों या डीएपी के अति प्रयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारियां जैसे कवक, वायरस, बैक्टीरिया और नेमाटोड हो जाती हैं।
• किसानों की इस बड़ी समस्या को दूर करने के लिए। हमारे पास MD BIOCOALS यानी इंद्रधनुष प्रोम से एक समाधान है। PROM का मतलब फॉस्फेट सेभरपूर जैविक खाद है। इस समाधान का विवरण नीचे दिया गया है:
3- कमस्वस्थ और गुणवत्ता वालीफसल पैदा करें
आज के समय में यदि हम खेत में रासायनिक खाद और कीटनाशक (डीएपी) का प्रयोग करेंतो उसकी गुणवत्ता कोलेकर परिणाम नकारात्मक हो सकता है। फसलें इतनी स्वस्थ औरइतनी मजबूत नहीं हो सकतीं। डीएपी से फसल में रोग भी होता है। इससे फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में गिरावट आरही है।
किसानोंकी इस बड़ी समस्याको दूर करने केलिए। हमारे पास MD BIOCOALS यानी इंद्रधनुष प्रोम से एक समाधान है। PROM का मतलब फॉस्फेट से भरपूर जैविक खाद है। इस समाधान का विवरण नीचे दिया गया है:
4- किसानोंके लिए उत्पादन की उच्च लागत
किसानोंके लिए उत्पादन की उच्च लागत है क्योंकि वे डीएपी खरीदते हैं। इन्द्रधनुष प्रोम की तुलना में डीएपी उच्च कीमत है।
हम,एमडी बायोकॉल्स इन्द्रधनुष प्रोम बनाते हैं जिसका किसानों के लिए उचित मूल्य है।
इन्द्रधनुष प्रोम की मुख्य विशेषताएं:
1- मृदा PH . बनाए रखें
2- रोग मुक्तफसल
3- स्वस्थ और मजबूत फसल
4- उचित लागत
5- फसलों की अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली
6- प्रतिरक्षा प्रणाली की कमी
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे: +91 94160 47627